भारतीय व्यापार सेवा और भारतीय लागत लेखा सेवा के प्रोबेशनर्स ने राष्ट्रपति से मुलाकात की
राष्ट्रपति भवन : 29.10.2024
भारतीय व्यापार सेवा और भारतीय लागत लेखा सेवा के प्रोबेशनर्स ने आज 29 अक्तूबर, 2024 को राष्ट्रपति भवन में भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि वर्ष 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 8.2 प्रतिशत की तीव्र आर्थिक वृद्धि दर्ज की गई है और इसने भू-राजनीतिक चुनौतियों के प्रति अनुकूलता दिखाई है। भारत को अशांत वैश्विक वातावरण के दौरान भी प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने और विकास के निरंतर उच्च स्तर को बनाए रखने के लिए निजी निवेश को बढ़ाने की आवश्यकता है। भारत सरकार अनेक पहलों के द्वारा विकास अनुकूल एक सक्षम ईको-सिस्टम का विकास कर रही है।
राष्ट्रपति ने कहा कि विनिर्माण को बढ़ावा देने पर सरकार ध्यान दे रही है और भारतीय व्यापार सेवा अधिकारियों की यह जिम्मेदारी है कि वे सीमाओं के पार व्यापार बढ़ाने के लिए एक सक्षम वातावरण और बुनियादी ढांचे के निर्माण की सुविधा तैयार करें। उनसे व्यापार वार्ता में नए आयाम खोलने, नवीन नीतियां बनाने और भारत के व्यापार को तेज गति से बढ़ाने की उम्मीद की जाती है। उन्होंने भारतीय व्यापार सेवा के अधिकारियों को ध्यान दिलाया कि उन्हें भारत के विकास को गति देने और बड़े पैमाने पर लोगों के जीवन पर प्रभाव डालने में उल्लेखनीय भूमिका निभानी है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय लागत लेखा सेवा के अधिकारियों को राजस्व का पारदर्शी मूल्यांकन सुनिश्चित करते हुए सरकारी कार्यों, योजनाओं और परियोजनाओं पर तर्कसंगत व्यय करने में सक्रिय भूमिका निभानी होती है। उनसे उम्मीद की जाती है वे जटिल वित्तीय और लागत प्रबंधन मुद्दों से कुशलता से निपटें। उनकी विभिन्न द्विपक्षीय और बहुपक्षीय समझौतों के माध्यम से निर्धारित किए गए एंटी-डंपिंग उपायों और सुरक्षा शुल्क जैसे अंतरराष्ट्रीय व्यापार मामलों को सुलझाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि उनके निर्णय और कार्य सार्वजनिक धन की सुरक्षा करने और सरकारी क्रय प्रणालियों में दक्षता और प्रभावकारिता को बढ़ावा देने में महत्व रखते हैं।
राष्ट्रपति को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि जीएसटी प्रणाली के कार्यान्वयन में, भारतीय लागत लेखा सेवा के अधिकारियों द्वारा किए जाने वाले ऑडिट ने राजस्व की बरबादी का पता लगाने और इसे रोकने के उपायों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने उन्हें इस बात से अवगत रहने की सलाह दी कि वे जो भी कार्य करेंगे उनका अंतिम रूप से प्रभाव असहाय और वंचित वर्गों के कल्याण पर पड़ेगा।